Sunday, July 24, 2022

कविता | विदाई | सुभद्राकुमारी चौहान | Kavita | Vidayi | Subhadra Kumari Chauhan



 कृष्ण-मंदिर में प्यारे बंधु

पधारो निर्भयता के साथ।

तुम्हारे मस्तक पर हो सदा

कृष्ण का वह शुभचिंतक हाथ॥


तुम्हारी दृढ़ता से जग पड़े

देश का सोया हुआ समाज।

तुम्हारी भव्य मूर्ति से मिले

शक्ति वह विकट त्याग की आज॥


तुम्हारे दुख की घड़ियाँ बनें

दिलाने वाली हमें स्वराज्य।

हमारे हृदय बनें बलवान

तुम्हारी त्याग मूर्ति में आज॥


तुम्हारे देश-बंधु यदि कभी

डरें, कायर हो पीछे हटें,

बंधु! दो बहनों को वरदान

युद्ध में वे निर्भय मर मिटें॥


हजारों हृदय बिदा दे रहे,

उन्हें संदेशा दो बस एक।

कटें तीसों करोड़ ये शीश,

न तजना तुम स्वराज्य की टेक॥


No comments:

Post a Comment

Short Story | Alexander Hamilton's Duel with Aaron Burr | Alexander Hamilton

Alexander Hamilton Alexander Hamilton's Duel with Aaron Burr Upon the accession of the Republicans to the control of the government, Jef...